ओडीआर के अनुसार बकाए का विस्तृत विवरण
दक्षिण पूर्व रेलवे का संक्षिप्त इतिहास
अगस्त 01, 1955 में भारतीय रेलों के पुनर्गठन के बाद सन् 1887 में स्थापित विख्यात बंगाल-नागपुर रेलवे (बीएनआर) के परवर्ती के रुप में दक्षिण पूर्व रेलवे का गठन हुआ । अगस्त 01, 2003 को दक्षिण पूर्व रेलवे को तीन क्षेत्रीय रेलों – पूर्वतट रेलवे, पूर्व मध्य रेलवे और दक्षिण पूर्व रेलवे में विभाजित किया गया । दक्षिण पूर्व रेलवे का मुख्यालय गार्डनरीच, कोलकाता है ।
तत्कालीन बी एन आर का समृद्ध विरासत संजोए दक्षिण पूर्व रेलवे का विस्तार संपूर्ण रेलवे कि.मी. का केवल 4% मार्ग पर ही है । यह रेलवे भारतीय रेलों के प्रारंभिक लदान का लगभग 14% लदान करता है । यह रेलवे लौह अयस्क लदान के लिए प्रसिद्ध है । तीन क्षेत्रों में विभाजन के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे ने लदान के लिहाज से वित्तीय वर्ष 2003-04 में 69.15 मि.टन से धीरे धीरे सुधार करते हुए वित्तीय वर्ष 2009-10 में 125.91 मि.टन तक पहुंचा दिया है । वित्तीय वर्ष 2010-11 में यह रेलवे लौह अयस्क मांग में अत्यंत कमी के कारण लक्ष्य हासिल करने में असफल रहा और अंतत: 123.72 का लदान किया ।
दक्षिण पूर्व रेलवे (दपूरे) भारत के 16 क्षेत्रों में से एक है । इसका प्रधान कार्यालय गार्डनरीच, कोलकाता है ।
1.आद्रा मंडल
2.चक्रधरपुर मंडल
3.खड़गपुर मंडल
4.रांची मंडल